गुरुजी आप कहते हैं कि मनु ने माँ शब्द को सर्वश्रेष्ठ शब्द माना है और उसे उच्चतम प्रतिष्ठा प्रदान की है तो उसी मनु ने क्यों उसकी "मनु स्मृति" में नारी (याने सम्पूर्ण स्त्री वर्ग को ) और पिछड़े हुए व्यक्तियों को ( जिन्हे दलित/शुद्र/अति पिछडा वर्ग समझा जाता है ) के इन लोगों को ताडण का अधिकारी कहा है ? उसी तरह आपने सिर्फ सिर्फ MALE CHILD बच्चे (बालक) का उदाहरण दिया बेहतर होता आप FEMALE CHILD बच्ची (बालिका)' का भी उदाहरण देकर समझाने का प्रयास करते क्योंकि वह बच्ची/बालिका भी तो अपनी माँ का स्तन-पान करती है तो उसमें कौनसी ग्रन्थी/संश्लिष्ठ complex पैदा होती है । माँ जब अपनी बच्ची को Female Child को नहला देती है तो उसमें उस वक्त कौनसी ग्रन्थी /भावना Complex निर्माण होती है इसका जिक्र आप करते नही है ? और छोटा बालक अपने पिता का सैक्स ऑर्गन नहाते वक्त बाथरूम में देखता है और उसमें उसकी वजह से ही हीन-ग्रन्थी/हीन भावना Inferiority Complex और उच्च ग्रन्थी/भावना पैदा होती है Superiority Complex का निर्माण होता है और उसका जनक/आधार सिग्मंड फ्रॉयड sigmund Fried है यह बात कुछ समझ मे नही आती । आप Natural Love को भी कैसे परिभाषित करना चाहते हैं या कैसी वयाख्या करते हैं यह भी आपके विवेचन से कुछ बराबर समझ में नही आता । आप मनु को महान बताकर मनु के पाखण्ड का और उसके अमानवीय मूल्यों का समर्थन करते हैँ, जो निन्दा का पात्र होना चाहिये उसे आप प्रशंसा का द्योतक सिद्ध करना चाहते हैं ।
सतीश जी , gurudev फ्रायड का बाल मनोविज्ञान बता रहे है , जिसमे उन्होंने वही बताया जो फ्रायड ने बताया है, क्योंकि फ्रायड ने बालिका का उदाहरण नहीं लिया है इसलिए गुरु जी ने भी बालिका का उदाहरण नही लिया है । .... और जहां तक मनु और मनुस्मृति को लेकर आपके प्रश्न है तो आपको एक बार स्वयं से मनुस्मृति को पढ़ना चाहिए जिसमे ये विशेष रूप से ध्यान रहे की उसके अनुवादक कोई पाश्चात्य विचारक न हो, क्योंकि अंबेडकर जी ने कई जगह से कहा है की उन्हे जो मनुस्मृति पढ़ने को मिली और बाद में जो मनुस्मृति के विषय में उन्होंने जाना उन दोनो के अवधारणा और सिद्धांत में अंतर है, जिसका मुख्य कारण मनुस्मृति पर अनुसंधानकर्ता का पाश्चात्य दर्शन से प्रभावित होना है। ( यह गुरुदेव की ही व्याख्या से है ) । और अगर सिर्फ ताड़ना का अधिकारी की बात है तो तुलसीदास जी ने भी रामचरित मानस में " शूद्र गंवार ढोल पशु नारी , सकल ताड़ना के अधिकारी " कहा है तो हमे रामचरित मानस का भी परित्याग कर देना चाहिए ।
@@nupurmishra1850 मिश्राजी कृपया उन किताबों का नाम या उस लेख/घटना/प्रसंग/सूचना का सन्दर्भ दीजिये जिसमे डॉ. अम्बेडकर ने कहा कि दो मनु स्मृतियों में इस विशिष्ट विषय पर अलग-अलग जानकारी मिली है और दूसरी बात आप ये कह रहे हैं कि विदेशी /पाश्च्यात दार्शनिक या लेखक के इस विषय पर की किताब या लेख को सज्ञान में न लिया जाय यह बात कुछ पल्ले नही पड़ती ।
@@satishganwir9876 विलियम जोन्स " द ओरिडनेंस ऑफ मनु " ... जी सी हॉगटन, मैक्समूलर ने भी लिखा है । इनका अनुवाद " औपनिवेशिक अप्रोच " के साथ इन लोगो ने लिखा है, ऐसा गुरुदेव के वीडियो में बताया गया है। बाकी अगर आपके पास समय हो तो प्ले लिस्ट में गुरुदेव की अंबेडकर के जीवन दर्शन पर पूरा लेक्चर है , आप उसे सुन सकते है। विवेकशील होकर सुनिएगा किसी पूर्वाग्रह से नही...
DR SINHA you are Pioneer in the field of Philosophy. YOU make concepts so simple that a school student can understand College Level philosophy.
गुरुजी सत्य ज्ञान का स्वरूप वैसे ही बतलाते हैं जैसा वो है। Video ke liye ek like to bnta hai.👌🙏
Bhuut hi simple way me apne concept ko clear kia h great sir 🙏🙏
Mahaan Darshnik vichar 🙏.Jai Ho, Sahab
You are great.shat shat naman.mahan personality
Superb!!!
Guru ji pranam vahut sheekhne ko mila
गुरूदेव जी को शत्-शत् नमन्
हार्दिक आभार
This is Enlightened
Sir k lecture kahi available hai kya .. Aisa lgta hai bhot Kam hai aur sunne ka Mann krta hai
So nice, Sir ji.
हृदय से आभार आपको
Great 👍
प्रणाम गुरुजी
मेरा शीश आपके चरणों में स्वीकार करिए।
Great psychologist
great guru ji
Great
प्रणाम गुरुदेव ❤️🙏🇳🇵
thank you sir
धन्यवाद
Gratitude
Kya aap kripya subah subah video dal sakte hai, isse shyad ye gyan aur jyada logon tak pahuch sakta hai
जरूर मोनिका बहन, सुझाव ठीक है🙏
एक दिन मनोविज्ञान को ओर अन्य बुक बताओ हिंदी में
इनकी लिखी पुस्तक कैसे मिल सकती है।
Om namah shivaya 🙏🇮🇳
Can you please clarify how much of the stake of this channel does Dr. H S Sinha hold ? And how can we support him ?
सिद्धार्थ जी आप ये देखें, सराहें, कोई जरूरी सुझाव हो तो वो भी जरूर दें, बस इतना ही सहयोग चाहिए.. आपका स्नेह यूँ ही बने रहे🙏
@@TheQuestURL shat shat Naman
I want to support too,,please give me upi id or somrthing
I don't think in India a child can access to his father's bathroom and think like this. However I agree with the other part of Freud theory.
U r right bro. Mene bhi yhi socha ma k bathroom m access mil sakti h father k sath possible nhi h
🙏🙏👍🌸
What if you have daughters? Also what if kids have rivalry in the age of 4-6 year age.
Electra complex: female version of Oedipus complex. Daughter feel her mother is competitor of her towards her father.
Nice
💐💐💐👏👏🇳🇵
Mere kuch ache karam ki mane ye gyaan praapt kiaa
SAH ASTITVA VAD
Castration कहते हैं सर ,cataract नहीं ,माफी सर
स्वागत..
बौद्ध दर्शन के लिए यह देखें
गुरुजी आप कहते हैं कि मनु ने माँ शब्द को सर्वश्रेष्ठ शब्द माना है और उसे उच्चतम प्रतिष्ठा प्रदान की है तो उसी मनु ने क्यों उसकी "मनु स्मृति" में नारी (याने सम्पूर्ण स्त्री वर्ग को ) और पिछड़े हुए व्यक्तियों को ( जिन्हे दलित/शुद्र/अति पिछडा वर्ग समझा जाता है ) के इन लोगों को ताडण का अधिकारी कहा है ?
उसी तरह आपने सिर्फ सिर्फ MALE CHILD बच्चे (बालक) का उदाहरण दिया बेहतर होता आप FEMALE CHILD बच्ची (बालिका)' का भी उदाहरण देकर समझाने का प्रयास करते क्योंकि वह बच्ची/बालिका भी तो अपनी माँ का स्तन-पान करती है तो उसमें कौनसी ग्रन्थी/संश्लिष्ठ complex पैदा होती है ।
माँ जब अपनी बच्ची को Female Child को नहला देती है तो उसमें उस वक्त कौनसी ग्रन्थी /भावना Complex निर्माण होती है इसका जिक्र आप करते नही है ?
और छोटा बालक अपने पिता का सैक्स ऑर्गन नहाते वक्त बाथरूम में देखता है और उसमें उसकी वजह से ही हीन-ग्रन्थी/हीन भावना Inferiority Complex और उच्च ग्रन्थी/भावना पैदा होती है Superiority Complex का निर्माण होता है और उसका जनक/आधार सिग्मंड फ्रॉयड sigmund Fried है यह बात कुछ समझ मे नही आती ।
आप Natural Love को भी कैसे परिभाषित करना चाहते हैं या कैसी वयाख्या करते हैं यह भी आपके विवेचन से कुछ बराबर समझ में नही आता ।
आप मनु को महान बताकर मनु के पाखण्ड का और उसके अमानवीय मूल्यों का समर्थन करते हैँ, जो निन्दा का पात्र होना चाहिये उसे आप प्रशंसा का द्योतक सिद्ध करना चाहते हैं ।
सतीश जी , gurudev फ्रायड का बाल मनोविज्ञान बता रहे है , जिसमे उन्होंने वही बताया जो फ्रायड ने बताया है, क्योंकि फ्रायड ने बालिका का उदाहरण नहीं लिया है इसलिए गुरु जी ने भी बालिका का उदाहरण नही लिया है । .... और जहां तक मनु और मनुस्मृति को लेकर आपके प्रश्न है तो आपको एक बार स्वयं से मनुस्मृति को पढ़ना चाहिए जिसमे ये विशेष रूप से ध्यान रहे की उसके अनुवादक कोई पाश्चात्य विचारक न हो, क्योंकि अंबेडकर जी ने कई जगह से कहा है की उन्हे जो मनुस्मृति पढ़ने को मिली और बाद में जो मनुस्मृति के विषय में उन्होंने जाना उन दोनो के अवधारणा और सिद्धांत में अंतर है, जिसका मुख्य कारण मनुस्मृति पर अनुसंधानकर्ता का पाश्चात्य दर्शन से प्रभावित होना है। ( यह गुरुदेव की ही व्याख्या से है ) । और अगर सिर्फ ताड़ना का अधिकारी की बात है तो तुलसीदास जी ने भी रामचरित मानस में " शूद्र गंवार ढोल पशु नारी , सकल ताड़ना के अधिकारी " कहा है तो हमे रामचरित मानस का भी परित्याग कर देना चाहिए ।
Aachary 1200 se jyada video aa chuke ins me aap ne eak dekha aap rahe chnnal ke sath bahut kuch janne ko milega
@@nupurmishra1850 मिश्राजी कृपया उन किताबों का नाम या उस लेख/घटना/प्रसंग/सूचना का सन्दर्भ दीजिये जिसमे डॉ. अम्बेडकर ने कहा कि दो मनु स्मृतियों में इस विशिष्ट विषय पर अलग-अलग जानकारी मिली है
और दूसरी बात आप ये कह रहे हैं कि विदेशी /पाश्च्यात दार्शनिक या लेखक के इस विषय पर की किताब या लेख को सज्ञान में न लिया जाय यह बात कुछ पल्ले नही पड़ती ।
@@satishganwir9876 विलियम जोन्स " द ओरिडनेंस ऑफ मनु " ... जी सी हॉगटन, मैक्समूलर ने भी लिखा है । इनका अनुवाद " औपनिवेशिक अप्रोच " के साथ इन लोगो ने लिखा है, ऐसा गुरुदेव के वीडियो में बताया गया है। बाकी अगर आपके पास समय हो तो प्ले लिस्ट में गुरुदेव की अंबेडकर के जीवन दर्शन पर पूरा लेक्चर है , आप उसे सुन सकते है। विवेकशील होकर सुनिएगा किसी पूर्वाग्रह से नही...
I think im too late watching this video , ,,, i,d nevr sen 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥